मैं और तुम जब राहे वफा के साथी हैं फिर जीवन में यह थकन कैसी है। मैं और तुम जब राहे वफा के साथी हैं फिर जीवन में यह थकन कैसी है।
शब्दावली से चुनकर अनमोल हीरे जड़े हैं, भावनाओं की बिंदी लगाई स्पंदनों के भाल पर, शब्दावली से चुनकर अनमोल हीरे जड़े हैं, भावनाओं की बिंदी लगाई स्पंदनों क...
भावनाओं से नहीं भावनाओं से नहीं
अलग अलग नाम अलग अलग रूप आकर्षित करते जो छोटे बड़े सब को। अलग अलग नाम अलग अलग रूप आकर्षित करते जो छोटे बड़े सब को।
व्यक्त करते हो अपने मन के भाव किंतु मै अभिव्यक्त नहीं कर पाती! व्यक्त करते हो अपने मन के भाव किंतु मै अभिव्यक्त नहीं कर पाती!
मुझको रहता तुमसे ज्यादा इंतज़ार सनम बस इस दिन का। मुझको रहता तुमसे ज्यादा इंतज़ार सनम बस इस दिन का।